Yajurveda 12/111 (Yajurveda Chapter 12 Verse 111): यजुर्वेद अध्याय 12 मंत्र 111 (Yajurveda Adhyay 12 Shloka 111)

Yajurveda 12/111 (Yajurveda Chapter 12 Verse 111): यजुर्वेद अध्याय 12 मंत्र 111 (Yajurveda Adhyay 12 Shloka 111)

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Yajurveda 12/111: Details of Yajurveda Chapter 12 Verse 111

Veda Name

Yajurveda (यजुर्वेद)

Adhyay (अध्याय) Number

12

Shloka (मंत्र) Number

111

Provider

hsslive.co.in

Material Format

Text

How to find Yajurveda Chapter 12 Verse 111(Yajurveda adhyay 12 shloka 111)?

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Yajurveda 12/111 | Yajurveda 12.111

“ऋ॒तावा॑नं महि॒षं वि॒श्वद॑र्शतम॒ग्निꣳ सु॒म्नाय॑ दधिरे पु॒रो जनाः॑। श्रुत्क॑र्णꣳ स॒प्रथ॑स्तमं त्वा गि॒रा दैव्यं॒ मानु॑षा यु॒गा ॥१११ ॥”

 

पद पाठ

“ऋ॒तावा॑नम्। ऋ॒तवा॑नमित्यृ॒तऽवा॑नम्। म॒हि॒षम्। वि॒श्वद॑र्शत॒मिति॑ वि॒श्वऽद॑र्शतम्। अ॒ग्निम्। सु॒म्नाय॑। द॒धि॒रे॒। पु॒रः। जनाः॑। श्रुत्क॑र्ण॒मिति॒ श्रुत्ऽक॑र्णम्। स॒प्रथ॑स्तम॒मिति॑ स॒प्रथः॑ऽतमम्। त्वा॒। गि॒रा। दैव्य॑म्। मानु॑षा। यु॒गा ॥१११ ॥”

Yajurveda 12/111 in Sanskrit | Yajurveda 12.111 in Sanskrit

यजुर्वेदः अध्यायः ३० श्लोकः २ अधोलिखितपङ्क्तौ भवन्तः प्राप्नुवन्ति । यजुर्वेदे कुलम् ४० अध्यायाः सन्ति । प्रयोक्तृसुलभतायै यजुर्वेदस्य सर्वान् अध्यायान् तद्श्लोकान् च प्रदातुं प्रयत्नः कृतः ।

Yajurveda adhyay 12 shloka 111 in Sanskrit | यजुर्वेद अध्याय 12 श्लोक 111

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Yajurveda 12/111 in Hindi | Yajurveda 12.111 in Hindi

आप नीचे दी गई पंक्तियों में यजुर्वेद अध्याय 12 श्लोक 2 पा सकते हैं। यजुर्वेद में कुल 40 अध्याय हैं। हमने उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए यजुर्वेद के सभी अध्याय और उनके श्लोक उपलब्ध कराने का प्रयास किया है।

Yajurveda adhyay 12 shloka 111 in Hindi | यजुर्वेद अध्याय 12 श्लोक 111

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Yajurveda 12/111 in English | Yajurveda 12.111 in English

You can find the Yajurveda Chapter 12 Verse 2 in the lines provided below. There are a total on 40 chapters in the Yajurveda. We have tried to provide all chapters of the Yajurveda and their verses for ease of users. 

Yajurveda adhyay 12 shloka 111 in English

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Yajurveda 12/111 in Marathi | Yajurveda 12.111 in Marathi

खाली दिलेल्या ओळींमध्ये तुम्हाला यजुर्वेद अध्याय ३० श्लोक २ मिळेल. यजुर्वेदात एकूण ४० अध्याय आहेत. आम्ही यजुर्वेदातील सर्व अध्याय आणि त्यांचे श्लोक वापरकर्त्यांच्या सोयीसाठी देण्याचा प्रयत्न केला आहे.

Yajurveda adhyay 12 shloka 111 in Marathi | यजुर्वेद अध्याय 12 श्लोक 111

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Yajurveda 12/111 in Bengali | Yajurveda 12.111 in Bengali

আপনি নীচের দেওয়া লাইনগুলিতে যজুর্বেদ অধ্যায় 12 শ্লোক 2 খুঁজে পেতে পারেন। যজুর্বেদে মোট 40টি অধ্যায় রয়েছে। আমরা ব্যবহারকারীদের সুবিধার্থে যজুর্বেদের সমস্ত অধ্যায় এবং তাদের শ্লোকগুলি প্রদান করার চেষ্টা করেছি।

Yajurveda adhyay 12 shloka 111 in Bengali

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Yajurveda 12/111 in Urdu | Yajurveda 12.111 in Urdu

آپ نیچے دی گئی سطروں میں یجروید باب 12 آیت 2 تلاش کر سکتے ہیں۔ یجروید میں کل 40 ابواب ہیں۔ ہم نے صارفین کی آسانی کے لیے یجروید کے تمام ابواب اور ان کی آیات فراہم کرنے کی کوشش کی ہے۔

Yajurveda adhyay 12 shloka 111 in Urdu

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Yajurveda Adhyay 12 All Shloks

Yajurveda All Adhyay

About Yajurveda

यजुर्वेद हिन्दू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ और चार वेदों में से एक है। इसमें यज्ञ की असल प्रक्रिया के लिये गद्य और पद्य मन्त्र हैं। ये हिन्दू धर्म के चार पवित्रतम प्रमुख ग्रन्थों में से एक है और अक्सर ऋग्वेद के बाद दूसरा वेद माना जाता है – इसमें ऋग्वेद के ६६३ मंत्र पाए जाते हैं। फिर भी इसे ऋग्वेद से अलग माना जाता है क्योंकि यजुर्वेद मुख्य रूप से एक गद्यात्मक ग्रन्थ है। यज्ञ में कहे जाने वाले गद्यात्मक मन्त्रों को ‘’यजुस’’ कहा जाता है। यजुर्वेद के पद्यात्मक मन्त्र ऋग्वेद या अथर्ववेद से लिये गये है। इनमें स्वतन्त्र पद्यात्मक मन्त्र बहुत कम हैं। यजुर्वेद में दो शाखा हैं : दक्षिण भारत में प्रचलित कृष्ण यजुर्वेद और उत्तर भारत में प्रचलित शुक्ल यजुर्वेद शाखा।

जहां ऋग्वेद की रचना सप्त-सिन्धु क्षेत्र में हुई थी वहीं यजुर्वेद की रचना कुरुक्षेत्र के प्रदेश में हुई। कुछ लोगों के मतानुसार इसका रचनाकाल १४०० से १००० ई.पू. का माना जाता है।

The Yajurveda (Sanskrit: यजुर्वेद, IAST: yajurveda, from यजुस्, ‘worship’, and वेद, ‘knowledge’) is the Veda primarily of prose mantras for worship rituals. An ancient Vedic Sanskrit text, it is a compilation of ritual-offering formulas that were said by a priest while an individual performed ritual actions such as those before the yajna fire. Yajurveda is one of the four Vedas, and one of the scriptures of Hinduism. The exact century of Yajurveda’s composition is unknown, and estimated by Witzel to be between 1200 and 800 BCE, contemporaneous with Samaveda and Atharvaveda.

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