Yajurveda 21 (Yajurveda Chapter 21): यजुर्वेद अध्याय 21 (Yajurveda Adhyay 21)

Yajurveda 21 (Yajurveda Chapter 21): यजुर्वेद अध्याय 21 (Yajurveda Adhyay 21)

Yajurveda 21: Here in this article you will find the Yajurveda Adhyay 21 details, meaning and translation from sanskrit to hindi, english, marathi, bengali and urdu. Yajurveda contains total of 40 adhyay and each of these adhyays contains a number of mantras. You can find all of Yajurveda adhyay mantra from our page including Yajurveda 21. Many people are also searching for Yajurveda Chapter 21 this is the same page you need.

Yajurveda 21: Details of Yajurveda Chapter 21

Veda Name

Yajurveda (यजुर्वेद)

Adhyay (अध्याय) Number

21

Shloka (मंत्र) Number

All Shlokas

Provider

hsslive.co.in

How to find Yajurveda Chapter 21(Yajurveda Adhyay 21)?

  1. Visit the website of hsslive.co.in
  2. Now look for search button on the site.
  3. Search for Yajurveda Chapter 21 or yajurveda Adhyay 21.
  4. Click on the post related to Yajurveda 21 or Yajurveda Chapter 21.
  5. Open the post and find the details of Yajurveda Chapter 21 there.
  6. Save the post for future references.

Yajurveda Adhyay 21 All Shloks

    Yajurveda All Adhyay

    About Yajurveda

    यजुर्वेद हिन्दू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ और चार वेदों में से एक है। इसमें यज्ञ की असल प्रक्रिया के लिये गद्य और पद्य मन्त्र हैं। ये हिन्दू धर्म के चार पवित्रतम प्रमुख ग्रन्थों में से एक है और अक्सर ऋग्वेद के बाद दूसरा वेद माना जाता है – इसमें ऋग्वेद के ६६३ मंत्र पाए जाते हैं। फिर भी इसे ऋग्वेद से अलग माना जाता है क्योंकि यजुर्वेद मुख्य रूप से एक गद्यात्मक ग्रन्थ है। यज्ञ में कहे जाने वाले गद्यात्मक मन्त्रों को ‘’यजुस’’ कहा जाता है। यजुर्वेद के पद्यात्मक मन्त्र ऋग्वेद या अथर्ववेद से लिये गये है। इनमें स्वतन्त्र पद्यात्मक मन्त्र बहुत कम हैं। यजुर्वेद में दो शाखा हैं : दक्षिण भारत में प्रचलित कृष्ण यजुर्वेद और उत्तर भारत में प्रचलित शुक्ल यजुर्वेद शाखा।

    जहां ऋग्वेद की रचना सप्त-सिन्धु क्षेत्र में हुई थी वहीं यजुर्वेद की रचना कुरुक्षेत्र के प्रदेश में हुई।[2] कुछ लोगों के मतानुसार इसका रचनाकाल १४०० से १००० ई.पू. का माना जाता है।

    The Yajurveda (Sanskrit: यजुर्वेद, IAST: yajurveda, from यजुस्, ‘worship’, and वेद, ‘knowledge’) is the Veda primarily of prose mantras for worship rituals. An ancient Vedic Sanskrit text, it is a compilation of ritual-offering formulas that were said by a priest while an individual performed ritual actions such as those before the yajna fire. Yajurveda is one of the four Vedas, and one of the scriptures of Hinduism. The exact century of Yajurveda’s composition is unknown, and estimated by Witzel to be between 1200 and 800 BCE, contemporaneous with Samaveda and Atharvaveda.

    Leave a Comment